भोपाळः पत्रकार संरक्षण कायदा करणारे महाराष्ट्र हे देशातले पहिले राज्य ठरले असले तरी अजून हा कायदा अंमलात आलेला नाही.मात्र आता अन्य काही राज्यातही पत्रकार ससंरक्षण कायदा करण्याच्या हालचाली सुरू झालेल्या आहेत.मध्य प्रदेशमध्ये लवकरच पत्रकार संरक्षण कायदा करण्यात येईल अशी घोषणाच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यांनी केली आहे.मुख्यमंत्र्यांच्या घोषणेचं स्वागत केलं पाहिजे.
पत्रकारों की सुरक्षा का कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू
मीडिया महोत्सव 2018 में मुख्यमंत्री चौहान की घोषणा
भोपाल : रविवार, अप्रैल 1, 2018, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिये कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। वे आज यहां मीडिया महोत्सव 2018 के अंतर्गत आयोजित ”भारत की सुरक्षा, मीडिया, विज्ञान एवं तकनीकी की भूमिका’ विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे।
चौहान ने कहा कि व्यापक अर्थ में राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं, किसानों, श्रमिकों और गरीबों की सुरक्षा भी शामिल है। उन्होने कहा कि मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ गई है। चौहान ने कहा कि बेटियों के सम्मान से खिलवाड़ करने वालों के मानव अधिकार नहीं होते। इनका महिमामंडन किसी भी हाल में नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि बेटियों की गरिमा को धूमिल करने वालों को फांसी देने का कानून बनाया गया है। चौहान ने कहा कि झूठी खबरों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की जरूरत होती है। इसलिये श्रमिकों को जमीन और घर देने तथा महिलाओं को सुरक्षा देने जैसे कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में चुनावों की तैयारियां चलती रहती हैं और सरकारों को विकास पर फोकस करने के लिय कम समय मिल पाता है। इसीलिये लोक सभा और विधान सभा के चुनावों को एक साथ कराने पर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी इस विषय पर विचार करना चाहिये। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्री निखिल दवे की किताब ”अंतस यात्रा” और श्री ओम प्रकाश की किताब ‘सृजन समुच्चय’ का लोर्कापण किया।
इस अवसर पर प्रतिष्ठित विचारक के एन गोविंदाचार्य, वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय, शिव अनुराग पटैरिया, कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री प्रियंका चतुर्वेदी और बडी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय प्रासंगिक तथा सम-सामयिक है- राज्यपाल
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मीडिया महोत्सव-2018 को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा को अपना केन्द्रीय विषय बनाना न सिर्फ प्रासंगिक है बल्कि सम-सामयिक भी है। भारत की सुरक्षा की जितनी जिम्मेदारी शासन- प्रशासन और सुरक्षा बलों की है उससे कम जिम्मेदारी पत्रकारों की नहीं है क्योंकि पत्रकार ही वह माध्यम होता है जो जनता को सूचनाएं प्रेषित करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की भी रिर्पोटिंग पर कोई भी कोताही कितनी भारी पड़ सकती है इसका खामियाजा 2008 में मुंबई हमले के समय देख चुके हैं। इस घटना से हमें सबक लेना चाहिए और एक रूपरेखा बनाकर उसका पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार, वरिष्ठ विचारक एवं चिंतक श्री के.एन.गोविन्दाचार्य, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री जगदीश उपासने, म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविन्द्र कान्हेरे, निस्केयर सीएसआईआर के निदेशक डॉ. मनोज कुमार पटेरिया, और आयोजन समिति के अध्यक्ष एस.के.राउत उपस्थित थे।
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि ने कहा कि वर्तमान समय में सूचना और सूचना तकनीक का महत्व सर्वाधिक है। सूचना और संचार के क्षेत्र में नित्य नई खोजें हो रही हैं। यह एक प्रकार से संचार-क्रांति का दौर कहा जा सकता है।उन्होंने कहा कि संचार माध्यमों और संचारकों का उद्देश्य ही ज्ञानयुक्त, शिक्षित, जागरूक और संवेदनशील समाज का निर्माण है। यह तभी संभव है जब ये गुण माध्यमों और संचारकों में भी विद्यमान हों। मीडिया चौपाल का उद्देश्य भी है कि समाज की जरूरतों के लिहाज से विकास, विज्ञान, पर्यावरण, संस्कृति और गैर राजनीतिक आदि संदेशों को भी वाजिब स्थान और समय मिले। मीडिया के अंदरूनी प्रतिस्पर्धा से भी कभी-कभी कुछ समाचारों को ज्यादा असरकारक ढंग से दिखाया जाता है, जिससे विवादास्पद स्थिति निर्मित होने का डर रहता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमने भारत की 126 करोड़ जनता के सामने एक सपना रखा है कि हम एक नया भारत बनायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत एकता,शांति और अहिंसा का पक्षधर है यहां गोली-बारी की जगह नहीं है। हमारे देश में विकास ही एक मात्र मुददा है। हमारा संविधान विश्व का सबसे लोकप्रिय संविधान है।
वरिष्ठ विचारक एवं चिंतक के.एन.गोविन्दाचार्य ने कहा कि भारत कोई भूखण्ड नहीं है। भारत एक सभ्यता और अखंड राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि भारत को पश्चिमी नजरिये से देखना बंद करना चाहिए, उसे भारत की ही नजर से देखना होगा। इसलिए मीडिया को सही बात बोलना चाहिए। आयोजन समिति के अध्यक्ष एस.के.राऊत ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के आयोजक अनिल सौमित्र ने स्वागत भाषण दिया।