हवीय युपीसारखी मिडिया हेल्पलाईन

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पत्रकारांवर हल्ला झाल्यानंतर तातडीने त्याची तक्रार करता यावी यासाठी उत्तर प्रदेश सरकारने मिडिया हेल्पलाईनची व्यवस्था केलेली आहे.लखनौ येथील पार्क रोडवरील माहिती आणि जनसंपर्क विभागात याचे मुख्य कार्यालय आहे.मिडियातील व्यक्तीच्या तक्रारी आणि त्याचे निराकरण करण्याच्या दृष्टीने ही व्यवस्था चांगलीच उपयुक्त ठरली आहे.हेल्प लाईनचा टोल फ्री नंबर आहे 1800-1800-303 .मिडियाकर्मी आपली तक्रार घरबसल्या ऑनलाईन दाखल करू शकतात.या व्यवस्थेमार्फत पत्रकारावरील अत्याचाराचे मामले दाखल करता येऊ शकतात.येथे दाखल होणार्‍या तक्रीरीची दखल तातडीने घेऊन 72 तासात तक्रार निवारण केली जाते.येथे दाखल झालेल्या तक्रारीची कलेक्टर,पोलीस प्रमुख किंवा तत्सम जिल्हास्तरीय अधिकार्‍यांकडे तक्रारीच्या निराकरण करण्यासाठी पाठविली जाते.या योजनेचा राज्यातील अनेक पत्रकारांनी फायदा घेतला असून तेथे बहुतेक पत्रकारांना न्यायही मिळाला आहे.महाराष्ट्रात युपीपेक्षाही जास्त हल्ले होत आहेत.संतापाची गोष्ट अशी की,महाराष्ट्र सरकारकडे किती पत्रकारावर हल्ले झाले याची कोणतीही आकडेवारी उपलब्ध नाही.पोलीस ठाण्यातही पत्रकारांवरील हल्ल्याची स्वतंत्र नोंद ठेवली जात नाही.या संदर्भात अनेकदा पाठपुरावा करूनही हल्ल्यांची स्वतंत्र नोंद ठेवली जात नाही.जेथे किती हल्ले होतात हेच सरकारला माहिती नाही तेथे मिडिया हेल्पलाईन सारखे उपक्रम दूरची गोष्ट आहे.महाराष्ट्र सरकारला मराठी पत्रकार परिषद आणि पत्रकार हल्ला विरोधी कृती समितीची मागणी आहे की,युपीसारखी हेल्पलाईन सुरू करावी आणि पत्रकारांना तात्काळ न्याय मिळेल अशी व्यवस्था करावी .

लखनऊ. देश में पहली बार यूपी में मीडियाकर्मियों के लिए हेल्पलाइन की बनाई गई है। सीएम अखिलेश यादव ने इसकी शुरुआत की। इस हेल्पलाइन के जरिए मीडियाकर्मियों को सुरक्षा, उनके हितों के संरक्षण के लिए जरूरी सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1800-1800-303 होगा। आगे पढ़िए,हेल्पलाइन जारी करते हुए सीएम ने क्या कहा…
– इस टेक्नोलॉजी से जनता को लाभ होगा। एक जगह मॉनिटरिंग होगी।
-एक जगह पर शिकायत और उसका निवारण होना बड़ी उपलब्धि है।
-इससे बहुत सारी समस्याओं का समाधान और छोटी-छोटी समस्याओं का हल किया जा सकता है।
-सीएम बनने के बाद कैमरे और खबरें भी ज्‍यादा हैं।
-इस दौरान सीएम ने कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
मीडियाहेल्पलाइन की खासियत
-यह मीडिया हेल्‍पलाइन नंबर सूचना विभाग में स्थापित की गई है।
-इसके माध्यम से मीडियाकर्मी घर बैठे अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे।
-प्रेस मान्यता, चिकित्सा सुविधा, सचिवालय प्रवेश पास, रेलवे पास, राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा आदि की जानकारी ले सकेंगे।
-पत्रकार उत्पीड़न और पत्रकारों की सुरक्षा संबंधी मामलों के समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराकर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
अफसरों को तत्काल करना होगा समस्या का समाधान
मीडिया हेल्पलाइन पर दर्ज मामलों में संबंधित जिलों के मजिस्ट्रेट, जिला सूचना अधिकारी, सहायक निदेशक, उप सूचना निदेशक एक्‍शन लेंगे। हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई सामान्य शिकायतों को एक सप्ताह में,अर्जेंट 72 घंटे और मोस्ट अर्जेंट मामलों को 24 घंटे में समाधान कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सीएम अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों को समाचार कलेक्ट करने में होने वाली असुविधाओं का समाधान कराने, शासन और प्रशासन के बीच मीडियाकर्मियों से बेहतर तालमेल बनाने में सूचना विभाग को दायित्व सौंपा है।
प्रमुख सचिव नवनीत सहगत ने कहा
-तकनीक के सहारे प्रशासन का कैसे बेहतर प्रयोग हो सके, लगातार प्रयास किया जा रहा है।
-जन सुनवाई पोर्टल देश में पहली बार किया जा रहा है।
-जिले से भी आई शिकायतों को लखनऊ से देखा जाएगा।
-दूसरा पोर्टल मीडिया के लिए है, जहां सिर्फ मीडिया के लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
-विशेष सचिव सीएम अमित गुप्ता ने बताया कि अलग-अलग शिकायत का अलग-अलग ब्लॉक बनाया गया है।
हर स्‍तर पर काम
-मुख्‍य सचिव ने बताया कि टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर शिकायतों का निवारण और प्रशासनिक सुधार किया जा रहा है।
-मैं वादा करता हूं कि इसको आगे बढ़ाने का काम हर स्तर पर किया जाएगा।
-इस हेल्पलाइन में मल्टीपल हंटिंग लाइन हैं जिससे कई लोग एक साथ कॉल कर सकते हैं।

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