नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में टीवी पत्रकार के साथ मुख्यमंत्री के सचिव द्वारा की कथित हाथापाई व गाली गलौच का तथा परिवहन मंत्री गोपाल राय के कार्यालय में घुसकर कुछ लोगों द्वारा उन पर हमला करने व अभद्र व्यवहार करने का मामला जोर शोर से उठा। इस मुददे पर सदन में जमकर शोर शराबा हुआ व कार्यवाही एक घंटे तक बाधित रही। पत्रकार के साथ मारपीट का मामला नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उठाया जबकि मंत्री पर हमले की घटना सत्तापक्ष के लोगों ने सदन में रखा। पत्रकार पर हमले के मामले में अध्यक्ष ने कोई व्यवस्था न देते हुए ऐसी कोई घटना न होने की बात कही। वहीं दूसरी तरफ मंत्री पर हमले के मामले में सदन में जमकर भाषणबाजी की गई और इसे राजनीति से जोड़ते हुए गददारों की साजिश बताया गया।
बाद में मंत्री ने इस मामले में शामिल लोगों को अपनी तरफ से क्षमा करने की बात कही। बता दें कि यह मामला जांच व कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस को सौंपा जा चुका है। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि विधानसभा की कार्यवाही को कवर कर रहे पत्रकारों पर हाथ उठाया जा रहा है, व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा गाली गलौच कर रहे हैं। यह पत्रकारिता के अधिकारों का हनन है। अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई और उन्होने नागेंद्र शर्मा का नाम भी कार्रवाई से निकलवा दिया। इसे विजेंद्र गुप्ता ने विशेषाधिकार हनन बताते हुए सदन से वाकआउट कर गए। स्पीकर ने हालांकि कहा कि यदि ऐसा कुछ हो तो पत्रकार मुझे लिखकर दें। लेकिन कुछ देर बाद आप विधायकों ने विधायक पंकज पुष्कर पर परिवहन मंत्री गोपाल राय के ऑफिस में गुंडे भेज उन पर हमला करने का आरोप लगाते हुए पुष्कर की सदस्यता समाप्त करने की मांग की।
अध्यक्ष ने इस घटना को र्दुभाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि गोपाल राय के सचिव ने बताया कि उनके कमरे में कुछ लोग घुस आए हैं और उन पर मिटï्टी की थैली व पत्र फेंके हैं। मैंने मौके पर देखा कि पांच या छह लोग कमरे के बाहर खड़े थे। एक मीडियाकर्मी की ओर कुछ विधायक दौड़े थे मैंने उन्हें रोक दिया था। बाद में सिक्योरिटी रजिस्टर देखने पर साफ हो गया क्योंकि उसमें आखिरी एंट्री पंकज पुष्कर की थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा कानून का मंदिर है, और इसे अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए राजनीतिक अड्डा बनाना निंदनीय है।