मजेठिया वेतन आयोग पर अमल का मामला-
महाराष्ट्र के अख़बारों की होगी जाँच पड़ताल
कॉंट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी मिलेगा वेतन आयोग के मुताबिक़ वेतन
राज्य के सभी अख़बारों के दफ़्तरों की जाँच पड़ताल अगले दो महीनों के भीतर की जाएगी और मजेठिया वेतन आयोग पर अमल ना करनेवाले अख़बार प्रबंधनों के ख़िलाफ़ कड़ी क़ानूनी कारवाई की जाएगी। श्रम आयुक्त यशवंत केरूरे ने मंगलवार को मजेठिया वेतन आयोग के अमल पर निगरानी के लिए नियुक्त त्रिपक्षीय समिति की बैठक में ये बात कही।
राज्य के वरिष्ठ श्रम अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में उन्होंने कहा -सुप्रिम कोर्ट के ताज़े आदेश से साफ़ हो गया है कि कॉंट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी मजेठिया वेतन आयोग की सिफ़ारिशो के अनुसार वेतन मिलना चाहिए। अलग अलग कम्पनियाँ बनाकर कम टर्नोवर बताने और कर्मचारियों का आर्थिक नुक़सान करनेवाले अख़बारों की भी उन्होंने आलोचना की। उनका कहना था कि अख़बार मालिक विज्ञापन हासिल करने के लिए बड़े दावे करते हैं लेकिन वेतन देने के वक़्त कई छोटी छोटी कम्पनियाँ बताकर और ख़राब आर्थिक स्थिति की दलील देते हैं।
बैठक में पत्रकार प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य भर में ९९ फ़ीसदी पत्रकारों और कर्मचारियों को वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल रहा है। कई अख़बारों में वेतन आयोग से बचने के लिए डिजिटल कम्पनियाँ बनाकर कर्मचारीयो का ट्रान्स्फ़र किया जा रहा है। इस पर आयुक्त ने कहा कि पत्रकारों को अगर प्रताड़ित किया जाएगा तो उनकी शिकायतों पर ग़ौर किया जाएगा।
बैठक में माँग की गई कि अख़बारों की जाँच पड़ताल के दौरान स्थानीय पत्रकार संघों के प्रतिनिधियों को भी साथ में लिया जाए ताकि सही स्थिति की जानकारी मिल सके । क्लेम दायर करने के मामले में स्पष्ट किया गया कि तीन महीने के भीतर श्रम विभाग अपना फ़ैसला लेबर कोर्ट को रेफ़्रेन्स के रूप में भिजवा देगा।