बीते साल (2016) कलम पर काफी हमले हुए। दुनियाभर में 122 पत्रकार एवं मीडियाकर्मी मारे गए । एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 93 मीडियाकर्मी हत्या, बम विस्फोट और गोलीबारी जैसी घटनाओं में मारे गए और जबकि अन्य की मौत दुर्घटना में हुई।
अकेले भारत में 2016 में पांच पत्रकार मारे गए और इस सूची में भारत का स्थान आठवां है। इराक इस सूची में सबसे उपर है । इंटरनैशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने शुक्रवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि अफ्रीका, अमेरिका, एशिया प्रशांत, यूरोप, पश्चिम एशिया और अरब जगत के 23 देशों में पत्रकार हत्या, बम हमला और गोलीबारी जैसी घटनाओं में असमय मौत का शिकार बने ।
आईएफजे ने कहा कि 2015 में हत्या, बम हमला और गोलीबारी जैसी घटनाओं में 112 पत्रकार मारे गए थे और 2016 में यह संख्या घटकर 93 हुई है। इराक में सबसे अधिक 15 पत्रकारों की मौत हुई, इसके बाद अफगानिस्तान (13) और मेक्सिको का स्थान रहा जहां 11 पत्रकार मारे गए। पत्रकार ट्रेड यूनियनों के सबसे बडे वैश्विक संघ के प्रकाशित आंकडों के अनुसार मेक्सिको के बाद यमन में आठ, ग्वाटेमाला में छह, सीरिया में छह और भारत तथा पाकिस्तान में पांच-पांच पत्रकार मारे गए ।
इन 93 पत्रकारों के अतिरिक्त ब्राजील में 20 खेल पत्रकारों की मौत कोलंबिया के मेडेलीन शहर के ऊपर विमान दुर्घटना में हो गई। नौ रुसी पत्रकारों की मौत सैन्य विमान दुर्घटना में हो गई। हालांकि 2016 में हत्या, बम विस्फोट और गोलीबारी जैसी घटनाओं में मारे गए पत्रकारों की संख्या 2015 के मुकाबले कम है।