केंद्रीय पत्रकार कल्याण योजनेची पुनर्रचना

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सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकार कल्‍याण योजना पर समिति और केन्‍द्रीय प्रेस प्रत्‍यायित समिति का पुनर्गठन किया है। पत्रकारों को पहली बार पत्रकार कल्‍याण समिति का सदस्‍य बनाया गया है।

पत्र सूचना कार्यालय (पसूका) के प्रधान महानिदेशक की अध्‍यक्षता में गठित केन्‍द्रीय प्रेस प्रत्‍यायित समिति में भारतीय प्रेस परिषद और समाचार प्रसारक संघ (न्‍यूज ब्रॉडकास्‍टर्स एसोसिएशन, एनबीए) के प्रतिनिधि सदस्‍यों के रूप में शामिल किए गए हैं। अन्‍य सदस्‍यों में दैनिक जागरण के श्री प्रशांत मिश्रा, टाइम्‍स नाउ की श्रीमती नविका गुप्‍ता, एबीपी न्‍यूज के श्री कंचन गुप्‍ता, द पायनियर के श्री जे.गोपीकृष्‍ण और एएनआई की श्रीमती स्‍मिता प्रकाश शामिल हैं। समिति के सदस्‍यों का कार्यकल दो वर्ष का है और समिति की बैठक प्रत्‍येक तीन माह में एक बार या इससे अधिक बार होगी।

पत्रकार कल्‍याण योजना पर गठित समिति द्वारा प्रभावी कार्य करने के लिए इसमें कम सदस्‍यों को शामिल किया गया है। इस समिति में अब केवल सचिव (सूचना और प्रसारण), संयुक्‍त सचिव (कार्मिक एवं प्रशासनिक) और पीआईबी के प्रधान महानिदेशक आधिकारिक सदस्‍य होंगे। पहली बार पत्रकारों को भी समिति का सदस्‍य बनाया गया है। छह पत्रकार-श्री विकास भदौरिया, श्रीमती रिचा अनिरूद्ध, श्री अशोक उपाध्‍याय, श्री सुजीत ठाकुर, सुश्री सिप्रा दास और श्री रविन्‍द्र सिंह पत्रकार कल्‍याण योजना पर गठित समिति के गैर-औपचारिक सदस्‍य बनाए गए हैं। समिति के गैर औपचारिक सदस्‍यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। इस पहल से समयबद्ध तरीके से सहायता देने से असंतुष्‍ट पक्षों को लाभ मिलेगा।

समिति के संयोजन और नए दिशा निर्देशों पर विस्‍तृत जानकारी लिंक http://mib.gov.in/sites/default/files/JWS%20New%20guidelines_0.pdf पर उपलब्‍ध है।

पत्रकार कल्‍याण योजना की पृष्‍ठभूमि

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में बजट 2018-19 में पत्रकार कल्‍याण योजना के लिए कोष को पांच गुना बढ़ाकर एक करोड़ किया है, 2017-18 में यह 20 लाख था। इस योजना का उद्देश्‍य पत्रकारों और उनके परिजनों को अत्‍यधिक कठिन परिस्थितियों में तत्‍काल एकमुश्‍त अनुकम्‍पा सहायता राशि प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत पीआईबी/राज्‍य सरकारों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रत्‍यायित पत्रकारों या ऐसे गैर प्रत्‍यायित पत्रकारों को शामिल किया गया है, जिन्‍होंने कम से कम लगातार पांच वर्ष तक समाचार संपादक, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो पत्रकार, स्‍वतंत्र पत्रकार के तौर पर पूर्णकालिक या अंशकालिक कार्य किया है।

इस योजना के तहत पत्रकार की मृत्‍यु होने पर उसके परिवार के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि उपलब्‍ध है। इसके अतिरिक्‍त पत्रकार के स्‍थायी अपंग होने पर पांच लाख रुपये तक की और सीजीएचएस या अन्‍य बीमा/स्‍वास्‍थ्‍य योजनाओं के अंतर्गत कवर नहीं की गई गंभीर बीमारी के इलाज के लिए तीन लाख रुपये तक की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है।

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